फरीदाबाद की बेटी ने कर्नाटक लॉ यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडल जीत हरियाणा का नाम किया रोशन
Gold Medal at Karnataka Law University
पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे को फरीदाबाद की बेटी ने माना आदर्श
फरीदाबाद की बेटी का लॉ के क्षेत्र में विदेशों तक परचम लहराकर भारत का नाम रोशन करने का है लक्ष्य
फरीदाबाद। दयाराम वशिष्ठ: Gold Medal at Karnataka Law University: बाहरवीं कक्षा में डीपीएस स्कूल की टॉपर रही फरीदाबाद की बेटी मान्या आनंद अब कनार्टक स्टेट लॉ यूनवर्सिटी में परचम लहराते हुए गोल्ड मेडलिस्ट बनी हैं। मान्या आनंद कर्नाटक स्टेट के 105 लॉ कॉलेजों में सबसे अधिक 74.77 फीसदी अंक लेकर पहले स्थान पर रही है। कर्नाटक लॉ यूनिवर्सिटी में अब तक सर्वाधिक अंक हासिल करने वाली हरियाणा के फरीदाबाद की यह पहली छात्रा रही है। जिसका नाम यूनिवर्सिटी में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है।
ग्रेटर फरीदाबाद के ओमेक्स स्पा विलेज फरीदपुर में रहने वाले एलपीजी पाट्र्स निर्माता के कारोबारी संदीप आनंद की बेटी मान्या आनंद ने डीपीएस स्कूल फरीदाबाद से 12 वीं कक्षा में 98.8 फीसदी अंक हासिल कर टॉप किया। इसके बाद मान्या आनंद ने बैंगलुरू में कर्नाटक लॉ यूनिवर्सिटी से संबंद्ध क्राइस्ट एकेडमी इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ कॉलेज में पांच वर्षीय बीए एलएलबी में दाखिला लिया। जहां फरीदाबाद की इस बेटी ने प्रत्येक वर्ष टॉप किया। कडी मेहनत व लगन के चलते मान्या आंनद अब सभी सेमेस्टरों में टॉप रही।
यूनिवर्सिटी की ओर से हाल ही में अपने अधीनस्थ 105 लॉ कॉलेजों की मेरिट सूची तैयार की, जिनमें फरीदाबाद की बेटी मान्या आनंद सर्वाधिक 74.77 अंक लेकर न केवल प्रथम स्थान पर रहीए अपितु गोल्ड मेडलिस्ट भी बनी। गोल्ड मेडलिस्ट सूची में नाम आने पर परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। इस समय मान्या आनंद क्राइम यूनिवर्सिटी एनसीआर कॉरपोरेट लॉ से एलएलएम की पढाई कर रही है। कर्नाटक स्टेट लॉ यूनिवर्सिटी से गोल्ड मेडलिस्ट की सूची में नाम आने की सूचना के बाद ग्रेटर फरीदाबाद के ओमेक्स स्पा विलेज में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। गोल्ड मेडलिस्ट की सूची में शामिल होने से गदगद मान्या आनंद का कहना है कि वह पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे को अपना आदर्श मानती है। अब उसका लक्ष्य लॉ के क्षेत्र में विदेशों तक भारत का नाम रोशन करना है। इस सफलता के पीछे मान्या आनंद की मां रीना आनंद की अहम भूमिका रही है। गृहणी होने के बावजूद मां रीना आनंद बच्ची की सहुलियत का पूरा ख्याल रखते हुए लक्ष्य को हासिल करने में पूरा सहयोग करती रही। आज बेटी की इस सफलता से पिता ही नहीं मां भी बेहद खुश है। मां का मानना है कि उसका बेटी अब लॉ के क्षेत्र में विदेशों तक भारत का नाम रोशन जरूर करेगी।